दुनिया के सबसे पहले न. के पॉलेट कौन थे ???👇👇👇
अगर आप नहीं जानते तो आपको बता दे कि दुनिया के सबसे पहले न. के पाइलेट Mr. Wili third man
जिनकी जन्म 22 नवम्बर, सन्न 1898 में हुवा था !
अगर आप यह भी नहीं जानते की भारत की सबसे पहली पॉयलेट कौन थे ? तो जान लीजिये भारत के सबसे पहले पॉलेट जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा है
नई दिल्लीः
आज टाटा ग्रुप के जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा का जन्मदिन है। टाटा...यह नाम आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। एक ऐसी कंपनी जिसका दखल नमक से लेकर आई.टी. कंपनी और जगुआर लैंड रोवर जैसी लग्जरी कार तक है। यह कंपनी रातोरात इतनी बड़ी नहीं बनी। इसके पीछे जेआरडी की कड़ी मेहनत का हाथ है। जानिए जेआरडी टाटा से जुड़ी कुछ खास बातें-
1938 में 34 साल की उम्र में ही उन्होंने अपने पिता के कारोबार की कमान संभाल ली। उनकी शानदार लीडरशिप में टाटा ने जिस कारोबारी ऊंचाई को छुआ, उसका अंदाजा आप इस आंकड़े से लगा सकते हैं। 1939 में टाटा की नेटवर्थ 62 करोड़ रुपए थी जो बढ़कर 1990 में 10,000 करोड़ रुपए हो गई। आज टाटा की नेटवर्थ 104 अरब डॉलर है।
देश के पहले लाइसेंसी पायलट
जेआरडी के पिता रतनजी दादाभाई टाटा पारसी थे। जेआरडी का जन्म 1904 में पेरिस में हुआ था। जेआरडी की परवरिश फ्रेंच मां और पारसी पिता के बीच हुई। उनका शुरुआती जीवन फ्रांस में बीता था। 1914 में हुए प्रथम विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने 1 साल तक सिपाही की हैसियत से फ्रांस के लिए युद्ध भी किया। उनका ताल्लुक एक ऊंचे खानदान से था।
उनकी मां सुजैन आरडी टाटा कार चलाने वाली भारत की पहली महिला थीं। खुद जेआरडी देश के पहले लाइसेंसी पायलट थे। उन्हें 1929 में लाइसेंस मिला था। जेआरडी को इंडियन सिविल एविएशन का पिता भी कहा जाता है। बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी है कि एयर इंडिया की शुरुआत जेआरडी ने ही की थी। फ्रांस में कुछ साल बिताने के बाद वह लंदन चले गए और फिर भारत आ गए। और यहां से एक बिजनेस के तौर पर टाटा का सफर शुरू हुआ।
कंपनी को पहुंचाया ऊंचाईयों तक
अंतिम समय
जेआरडी की मौत 29 नवंबर 1993 को गुर्दे में संक्रमण के कारण जिनेवा में हुई। उनकी मृत्यु पर भारतीय संसद उनकी स्मृति में स्थगित कर दी गई थी। उनको पेरिस में पेरे लेचसे नामक कब्रिस्तान में दफनाया गया है। कंपनियों में एच.आर. की शुरुआत उन्होंने ही की थी। आज किसी कंपनी में एचआर होना भले ही सामान्य बात है लेकिन उस वक्त यह नौकरी करने वालों के लिए क्रांति थी। जेआरडी चाहते थे कि भारत सबसे खुशहाल देश बने। हालांकि उनका यह सपना तो पूरा नहीं हो पाया लेकिन टाटा एक भरोसेमंद कंपनी जरूर बन चुकी है।
दुनिया का सबसे बड़ी हवाई दुर्घटना 1977 में हुई थी। यह दुर्घटना दो हवाई जहाज़ के टकराने से हुई थी, जिसमे 500 यात्री की दुर्घटना हुई थी।
आपको बता दे की दुनिया की सबसे तेज उड़ने वाली हवाई जहाज़ the concorde airplane ब्रिटिश ऑफ़ फ़्रांस ने मिलकर बनाया था इसकी स्पीड करीबन 2180 km/h है।
क्या आपको पता है की, हवाई की टायर में कितने प्रेस्सर का हवा डाला जाता है , कई लोगो का मानना है की लैंडिंग के तुरंत बाद टायर बदल दिया जाता है, लेकिन ऐसा होता कुछ भी जब ज़रूरत पड़ता है तब टायर बदला जाता है। 200 PSI Pressure का एयर भरा जाता है। यदि हवाई 180 km/h के स्पीड भी लैंडिंग तो भी टायर में कोई नुकसान नहीं होगा ,
कई लोगो की मनना है की उनकी सैलरी हवाई जहाज़ उड़ने के नहीं देते होंगे पर बात कुछ और ही है।
आपको बता दे की एक पायलेट की सैलरी उसके महीने के हिसाब से नहीं होता बल्कि उनको हवाई जहाज़ के घंटो के हिसाब से दिया जाता है ,
क्या आपको क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे लंबी हवाई जहाज यात्रा BELUGA AIRBUS A380 यह हवाई जहाज 27 अप्रैल 2005 में बनाया गया था
अगर आप नहीं जानते तो आपको बता दे कि दुनिया के सबसे पहले न. के पाइलेट Mr. Wili third man
जिनकी जन्म 22 नवम्बर, सन्न 1898 में हुवा था !
अगर आप यह भी नहीं जानते की भारत की सबसे पहली पॉयलेट कौन थे ? तो जान लीजिये भारत के सबसे पहले पॉलेट जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा है
नई दिल्लीः
आज टाटा ग्रुप के जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा का जन्मदिन है। टाटा...यह नाम आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। एक ऐसी कंपनी जिसका दखल नमक से लेकर आई.टी. कंपनी और जगुआर लैंड रोवर जैसी लग्जरी कार तक है। यह कंपनी रातोरात इतनी बड़ी नहीं बनी। इसके पीछे जेआरडी की कड़ी मेहनत का हाथ है। जानिए जेआरडी टाटा से जुड़ी कुछ खास बातें-
1938 में 34 साल की उम्र में ही उन्होंने अपने पिता के कारोबार की कमान संभाल ली। उनकी शानदार लीडरशिप में टाटा ने जिस कारोबारी ऊंचाई को छुआ, उसका अंदाजा आप इस आंकड़े से लगा सकते हैं। 1939 में टाटा की नेटवर्थ 62 करोड़ रुपए थी जो बढ़कर 1990 में 10,000 करोड़ रुपए हो गई। आज टाटा की नेटवर्थ 104 अरब डॉलर है।
देश के पहले लाइसेंसी पायलट
जेआरडी के पिता रतनजी दादाभाई टाटा पारसी थे। जेआरडी का जन्म 1904 में पेरिस में हुआ था। जेआरडी की परवरिश फ्रेंच मां और पारसी पिता के बीच हुई। उनका शुरुआती जीवन फ्रांस में बीता था। 1914 में हुए प्रथम विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने 1 साल तक सिपाही की हैसियत से फ्रांस के लिए युद्ध भी किया। उनका ताल्लुक एक ऊंचे खानदान से था।
उनकी मां सुजैन आरडी टाटा कार चलाने वाली भारत की पहली महिला थीं। खुद जेआरडी देश के पहले लाइसेंसी पायलट थे। उन्हें 1929 में लाइसेंस मिला था। जेआरडी को इंडियन सिविल एविएशन का पिता भी कहा जाता है। बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी है कि एयर इंडिया की शुरुआत जेआरडी ने ही की थी। फ्रांस में कुछ साल बिताने के बाद वह लंदन चले गए और फिर भारत आ गए। और यहां से एक बिजनेस के तौर पर टाटा का सफर शुरू हुआ।
कंपनी को पहुंचाया ऊंचाईयों तक
अंतिम समय
जेआरडी की मौत 29 नवंबर 1993 को गुर्दे में संक्रमण के कारण जिनेवा में हुई। उनकी मृत्यु पर भारतीय संसद उनकी स्मृति में स्थगित कर दी गई थी। उनको पेरिस में पेरे लेचसे नामक कब्रिस्तान में दफनाया गया है। कंपनियों में एच.आर. की शुरुआत उन्होंने ही की थी। आज किसी कंपनी में एचआर होना भले ही सामान्य बात है लेकिन उस वक्त यह नौकरी करने वालों के लिए क्रांति थी। जेआरडी चाहते थे कि भारत सबसे खुशहाल देश बने। हालांकि उनका यह सपना तो पूरा नहीं हो पाया लेकिन टाटा एक भरोसेमंद कंपनी जरूर बन चुकी है।
दुनिया का सबसे बड़ी हवाई दुर्घटना 1977 में हुई थी। यह दुर्घटना दो हवाई जहाज़ के टकराने से हुई थी, जिसमे 500 यात्री की दुर्घटना हुई थी।
आपको बता दे की दुनिया की सबसे तेज उड़ने वाली हवाई जहाज़ the concorde airplane ब्रिटिश ऑफ़ फ़्रांस ने मिलकर बनाया था इसकी स्पीड करीबन 2180 km/h है।
क्या आपको पता है की, हवाई की टायर में कितने प्रेस्सर का हवा डाला जाता है , कई लोगो का मानना है की लैंडिंग के तुरंत बाद टायर बदल दिया जाता है, लेकिन ऐसा होता कुछ भी जब ज़रूरत पड़ता है तब टायर बदला जाता है। 200 PSI Pressure का एयर भरा जाता है। यदि हवाई 180 km/h के स्पीड भी लैंडिंग तो भी टायर में कोई नुकसान नहीं होगा ,
कई लोगो की मनना है की उनकी सैलरी हवाई जहाज़ उड़ने के नहीं देते होंगे पर बात कुछ और ही है।
आपको बता दे की एक पायलेट की सैलरी उसके महीने के हिसाब से नहीं होता बल्कि उनको हवाई जहाज़ के घंटो के हिसाब से दिया जाता है ,
क्या आपको क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे लंबी हवाई जहाज यात्रा BELUGA AIRBUS A380 यह हवाई जहाज 27 अप्रैल 2005 में बनाया गया था
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